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आप नहीं जानते होंगे पीपल की पूजा के यह चमत्कारिक लाभ

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  आप नहीं जानते होंगे पीपल की पूजा के यह चमत्कारिक लाभ गीता में भगवान श्री कृष्ण जी ने कहा है कि "मैं वृक्षों में पीपल हूं" पीपल के जड़ में ब्रह्मा जी बीच में भगवान विष्णु और सबसे ऊपरी भाग में शिव जी का वास होता है| हिंदू धर्म में पीपल को बेहद शुभ वृक्ष माना गया है | शास्त्रों के अनुसार शनिवार को पीपल के वृक्ष में लक्ष्मी जी का वास होता है इस दिन पीपल में जल चढ़ाना बेहद शुभ भी माना जाता है| मित्रों आज हम आपको पीपल के पेड़ की पूजा से होने वाले लाभ के विषय में बताने जा रहे हैं मित्रों लाभ के विषय में बताने से पहले हम आपको पीपल से जुड़ी कुछ खास बातें बताना चाहेंगे जैसे- *रविवार के दिन पीपल की पूजा नहीं करनी चाहिए| *यदि आप पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना चाहते हैं तो 7 बार कर सकते हैं परंतु रविवार के दिन छोड़कर | *यदि आप प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल अर्पित नहीं कर पाते हैं तो शनिवार को तो निश्चित ही करें इसके अनंत लाभ हैं| *यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी ना हो और शनि की साढ़ेसाती चल रही हो तो आप प्रत्येक शनिवार की शाम के समय सरसों के तेल का एक दीपक काली तिल डालकर पीपल के व

घर में सुख-शांति के उपाय

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  घर में सुख-शांति के उपाय- समृद्धि का अर्थ केवल धन नहीं है बल्‍कि घर में शांति, स्‍वास्‍थ्‍य, मानसिक संतोष और परिवार में आसपी मेलजोल एवं प्रेम भी है। यदि यह सबकुछ आपके परिवार में हैं तो कह सकते हैं कि आप समृद्ध हैं। हम आपको यहां कुछ ऐसे ही सरल उपाय बताने जा रहे हैं जो आपके घर में सकारात्‍मक ऊर्जा बढ़ाएंगे और सुख-शांति एवं समृद्धि में इजाफा करेंगे। रोजाना प्रातः काल दूध और पानी मिलाकर घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ डाले / शांति व समृद्धि बनी रहेगी  मुख्य दरवाजों के परदे के नीचे कुछ घुंघुरू बांध दें / जिसकी आवाज़ से घर में धीरे-धीरे प्रसन्नता का वातावरण बना रहेगा / प्रतिदिन गर्म तवे पर रोटी सेंकने से पूर्व दूध के छीटें मारें इससे घर में बीमारी का प्रकोप घटने लगता है / घर के आँगन में आंवला,श्वेत आंक,दो केले के वृक्ष,विल्व पत्र ,अशोक,कनेर आदि पौधें शुभ होते है / इनकी पूजा सेवा आदि से घर में सुख,शांति व समृद्धि आती है /  व्यापार में निरंतर वृद्धि तथा पारिवारिक शांति के लिए ग्यारह अभिमंत्रित गोमती चक्र को सिन्दूर के साथ रखने से शीघ्र लाभ होता है / यदि प्रमोशन में रुकावट हो तो ग्यारह गोमत

पिरामिड खरीदते ही चमक जाएगी आपकी किस्मत, होंगे अनोखे फायदे

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   पिरामिड खरीदते ही चमक जाएगी आपकी किस्मत, होंगे अनोखे फायदे वास्तु के अनुसार घर में पिरामिड (Pyramid) लगाकर कई परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है. वास्‍तु के मुताबिक किसी पात्र में पानी रखकर उसमें पिरामिड रख दें और इसके बाद उसी पानी से चेहरा और आंखों को धोने से चेहरे पर चमक और आंखों की रोशनी बढ़ती है. कहा जाता है वास्‍तु को माना जाए तो व्यापार में वृद्धि के लिए शुभ समय में पिरामिड लाना चाहिए और इसके बाद मां लक्ष्‍मी के मंत्रों से उसकी पूजा करके ईशान कोण या फिर उत्‍तर दिशा में रख दें. ऐसा करने से व्‍यवसाय में वृद्धि होना शुरू हो जाएगी. कहते हैं अगर किसी व्‍यक्ति को कोई बीमारी हो तो जिस भी अंग में बीमारी हो उस अंग में पिरामिड बांध लें इससे लाभ मिलेगा. वास्‍तु शास्‍त्र को माना जाए तो वास्‍तु दोष है होने पर भवन के ऊपरी हिस्‍से में पिरामिड बनवाना चाहिए लाभ होता है. वास्तु दोष में पिरामिड-भवन के ऊपरी हिस्से पर पिरामिड बनवाने से वास्तु दोष का शमन हो जाता है व उसमें आवास करने वाला दीर्घायु, निरोगी, धार्मिक व शुभ विचारों वाला हो जाता है।  धर्म व अध्यात्म में पिरामिड-पूजा कक्ष के ऊपर पिरा

पारद शिवलिंग की नियमित पूजा करने के चमत्कारी लाभ

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  समस्त सुखों की प्राप्ति के लिए कीजिए पारद शिवलिंग की पूजा शिव जी को देवों के देव महादेव कहा जाता है, भगवान शिव के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई रूपों में पूजा करते हैं। इनमें से एक है पारद शिवलिंग जिसके बारे में शास्त्रों में बताया गया है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने से धन-धान्य, आरोग्य, पद-प्रतिष्ठा, सुख आदि भी प्राप्त होते हैं। पारद शिवलिंग की पूजा करने के कई फायदे होते हैं।  पारद शिवलिंग के पूजा करने के फायदे शायद आपको पता नहीं होगा लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि 12 ज्योतिर्लिंग के पूजन से जितना पुण्यकाल प्राप्त होता है उतना पुण्य पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से मिल जाता है। कहा तो ये भी जाता है कि नवग्रहों से जो अनिष्ट प्रभाव का डर रहता है पारद शिवलिंग के पूजन से उससे भी मुक्ति मिल जाती है। यही नहीं पारदशिवलिंग की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना करने से संतानहीन दंपति को भी संतान रत्न की प्राप्ति हो जाती है। मान्यता है कि जिस घर में पारद लिंग होता है उस घर में रिद्धि-सिद्धि और लक्ष्मी का वास होता है, साक्षात भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों की मानें तो जो लोग पारद

सूर्य को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए

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  इसमें कोई संदेह नहीं है कि पृथ्वी पर जीवन के संचार के लिए सूर्य अहम कारक हैं। जिस प्रकार सूर्य देवता अपनी ऊर्जा और अपनी शक्ति से पृथ्वी को प्रकाशित करते हैं, उस हिसाब से भगवान सूर्य को प्रमुख देवताओं की गिनती में रखा जाता है। भगवान सूर्य के प्रति लोगों में गहरी आस्था है। शास्त्र कहते हैं कि अगर आप नियमित तौर पर भगवान सूर्य को जल अर्पित करते हैं, तो इससे आपके अंदर धीरे-धीरे अहंकार, क्रोध और तनाव जैसी विकृतियों में कमी आने लगती है, तथा आपका जीवन अनुशासित होने लग जाता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि सूर्य को जल चढ़ाते समय, अगर गायत्री मंत्र का जाप किया जाए, तो इसका बहुत अधिक फायदा आपको मिलता है, और आपका मन लंबे समय तक शांत बना रहता है। वहीं अक्सर आपने लोगों को सुबह स्नान के बाद सूर्य देवता को जल अर्पित करते हुए देखा होगा। लोगों में यह भी धारणा है कि अगर आपको पूजा की कोई भी विधि नहीं आती है, तो आप एक लोटा जल सूर्य भगवान को अर्पित कर दें, तो आपकी पूजा पूर्ण मानी जाती है। बता दें कि भगवान सूर्य आरोग्य के देवता हैं, और सूर्य को जल चढ़ाने से बेहतर स्वास्थ्य के साथ ही सूर्य की असीम कृप

शिवजी की पूजा में ध्यान रखने योग्य बात

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  शिवजी की पूजा में ध्यान रखने योग्य बात  शिव_पुराण के अनुसार भगवान शिव को कौन सी चीज़ चढाने से मिलता है क्या फल -   किसी भी देवी-देवता का पूजन करते समय उनको अनेक चीज़ें अर्पित की जाती है। प्रायः भगवान को अर्पित की जाने वाली हर चीज़ का फल अलग होता है। शिव पुराण में इस बात का वर्णन मिलता है की भगवान शिव को अर्पित करने वाली अलग-अलग चीज़ों का क्या फल होता है। शिवपुराण के अनुसार जानिए कौन सा अनाज भगवान शिव को चढ़ाने से क्या फल मिलता है: 1. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है। 2. तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है। 3. जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है। 4. गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए। शिव पुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से उसका क्या फल मिलता है - 1. ज्वर (बुखार) होने पर भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है। 2. नपुंसक व्यक्ति अगर शुद्ध घी से भगवान शिव का अभिषेक करे, ब्राह्मण

आप खुश कैसे रहे

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आप खुश कैसे रहे हमें वर्तमान में ही रहना चाहिए और इसे Best बनाना चाहिए क्योंकि न तो भूतकाल एंव न ही भविष्यकाल पर हमारा नियंत्रण है| “अगर खुश रहना है एंव सफल होना है तो उस बारे में सोचना बंद कर दें जिस पर हमारा नियंत्रण न हो” वह करिए जो आपको पसंद हो दिन में कम से कम एक घंटा कुछ ऐसा करें जो आपको पसंद हो जैसे खेलना, संगीत सुनना या लिखना| ऐसे कार्य आपको एक नयी उर्जा प्रदान करते है और आपको रिचार्ज कर देते है| अगर संभव हो तो हमें अपने करियर को इसी दिशा में मोड़ देना चाहिए| हमें अपना करियर उसी क्षेत्र में बनाना चाहिए जिसमें हमारी रुचि हो| अगर हम ऐसे क्षेत्र में कार्य कर रहे है जिसमे हमारी रुचि नहीं है, तो हमारे पास दो विकल्प है – 1. पहला यह की अपने कार्यक्षेत्र को बदल दो और करियर उस क्षेत्र में बनाओ जिसमें हमारी रुचि हो  और दूसरा की अगर ऐसा संभव ना हो सके तो वर्तमान कार्य को अपनी रुचि बना लो| अगर हम दोनों में से एक भी विकल्प नहीं अपनाते और ऐसे कार्य करते रहते है जिसमें हमारा मन नहीं लगता इस कारण से हम कभी भी अपना 100% नहीं दे पाते और ज्यादातर समय बर्बाद कर रहे होते है|   वर्तमान में जिएँ (Live