पारद शिवलिंग की नियमित पूजा करने के चमत्कारी लाभ

 



समस्त सुखों की प्राप्ति के लिए कीजिए पारद शिवलिंग की पूजा


शिव जी को देवों के देव महादेव कहा जाता है, भगवान शिव के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई रूपों में पूजा करते हैं। इनमें से एक है पारद शिवलिंग जिसके बारे में शास्त्रों में बताया गया है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने से धन-धान्य, आरोग्य, पद-प्रतिष्ठा, सुख आदि भी प्राप्त होते हैं। पारद शिवलिंग की पूजा करने के कई फायदे होते हैं। 

पारद शिवलिंग के पूजा करने के फायदे

शायद आपको पता नहीं होगा लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि 12 ज्योतिर्लिंग के पूजन से जितना पुण्यकाल प्राप्त होता है उतना पुण्य पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से मिल जाता है।


कहा तो ये भी जाता है कि नवग्रहों से जो अनिष्ट प्रभाव का डर रहता है पारद शिवलिंग के पूजन से उससे भी मुक्ति मिल जाती है। यही नहीं पारदशिवलिंग की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना करने से संतानहीन दंपति को भी संतान रत्न की प्राप्ति हो जाती है। मान्यता है कि जिस घर में पारद लिंग होता है उस घर में रिद्धि-सिद्धि और लक्ष्मी का वास होता है, साक्षात भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।


शास्त्रों की मानें तो जो लोग पारद शिवलिंग की पूजा करते हैं उनके जीवन में कभी भी पैसों की तंगी या फिर किसी भी प्रकार की समस्‍या का सामना नहीं करना पड़ता। यह भी माना जाता है कि पारद उच्‍च रक्‍तचाप, अस्‍थमा जैसी बीमारियों से लड़ने में मददगार है। 


कहा जाता है कि घर में पारद शिवलिंग रखने से सभी प्रकार के वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। यही नहीं इसके अलावा यह भी जाता है कि पारद शिवलिंग का अभिषेक करने पर तांत्रिक प्रयोग नष्ट हो जाते हैं।


असली पारदशिवलिंग की पहचान करने के लिए इसे हथेली पर घिसा जाये तो किसी किस्म की कालिख नहीं आती।


सावन माह में शिवलिंग की विशेष पूजा की जाती है। किसी भी धातु का छोटा सा शिवलिंग ही घर में रखना चाहिए। अलग-अलग धातुओं में पारद शिवलिंग का विशेष महत्व है। इस शिवलिंग की पूजा से भक्त की मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो सकती है। पारद शिवलिंग घर में रखने से वास्तु दोष दूर हो सकते हैं। जानिए पारे से बने शिवलिंग की कुछ खास बातें...

शिव महापुराण के अनुसार -

लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात्। तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।
ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्याया: शतानि च। तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात्।।
स्पर्शनात्प्राप्यत मुक्तिरिति सत्यं शिवोदितम्।।

इस श्लोक के अनुसार करोड़ों शिवलिंगों के पूजन से जो फल प्राप्त होता है, उससे भी करोड़ गुना ज्यादा फल पारद शिवलिंग की पूजा और दर्शन से प्राप्त होता है। पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल सकती है।

ध्यान रखें घर में हाथ के अंगूठे के पहले भाग से बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। जहां शिवलिंग रखा हो, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोज सुबह-शाम शिवलिंग के पास दीपक जलाएं। भोग लगाएं। घर में क्लेश न करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें।

पारद शिवलिंग

पारद शिवलिंग साक्षात् स्वयंभू शिव का रूप और ब्रह्माण्ड की रचना करने वाले भगवान शिव के वीर्य का प्रतीक माना जाता है। इसमें शिव की समस्त शक्तियों का वास माना जाता है। 


100 अश्वमेघ यज्ञ का लाभ

पौराणिक ग्रंथ ‘रस रत्न समुच्चय’ के अनुसार पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से 100 अश्वमेघ यज्ञ, चारों धाम की यात्रा तथा स्नान, कई किलो स्वर्ण तथा एक लाख गायों के दान के बराबर पुण्य मिलता है। इससे व्यक्ति के सभी जन्मों के पाप मिट जाते हैं और इस प्रकार उसे अकारण मिलने वाले सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

घर में पारद शिवलिंग रखना

घर में पारद शिवलिंग के होने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। रावण एक उच्च कोटि का ज्योतिषी माना जाता है। रूद्र संहिता में वर्णित कथा के अनुसार उसने ‘रसराज पारे’ से निर्मित शिवलिंग का पूजन कर ही अपनी लंका को सोने में परिवर्तित किया था।

पारद शिवलिंग के उपाय

इस शिवलिंग की नियमित पूजा करने से जीवन की समस्त परेशानियां खत्म होती हैं। चाहे वह शत्रु बाधा हो, कोई आपको बार-बार परेशान कर रहा हो या आपके रास्ते में रुकावटें पैदा कर रहा हो, पारिवारिक परेशानियां, कलह, मानसिक तनाव या अन्य कोई बाधा हो, तो अपने आप ही ठीक हो जाती हैं।

घर में अशांति, क्लेश रहता हो, नींद ना आने की समस्या हो, तो पानी से भरी कटोरी में पारद शिवलिंग रखकर इसे घर के मध्य भाग में रखें। प्रतिदिन इस जल को बदलें और पुराने जल को किसी गमले के पौधे में डाल दें। इससे धीरे-धीरे परिवार के सदस्यों में वैचारिक मतभेद खत्म होने लगते हैं।


यदि आपमें आत्मविश्वास की कमी है...

यदि आपमें आत्मविश्वास की कमी है। सार्वजनिक रूप से खुलकर अपनी बात नहीं रख पाते हैं, लोग आपको दब्बू की संज्ञा देते हैं तो आपको नियमित रूप से पारद शिवलिंग की पूजा करना चाहिए। इससे मस्तिष्क को उर्वरता प्राप्त होती है। वाक सिद्धि प्राप्त होती है। हजारों लोगों को अपनी वाणी से सम्मोहित करने की क्षमता आ जाती है।

लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए

लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए पारद के शिवलिंग की विशेष तौर पर पूजा की जाती है। आर्थिक संकटों से मुक्ति के लिए किसी भी माह में प्रदोष के दिन पारद के शिवलिंग की षोडशोपचार पूजा करके शिव महिम्नस्तोत्र से अभिषेक करें। फिर हर दिन पूजन करते रहें, कुछ ही समय में आर्थिक स्थिति ठीक होने लगती है। कर्ज मुक्ति होती है।


यह भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। पारे से बने शिवलिंग को समस्त प्रकार की वस्तुओं से बने शिवलिंगों में सर्वश्रेष्ठ कहा गया है और इसकी पूजा सर्वमनोकामना पूर्ण करने वाली कही गई है। वैदिक ग्रंथों में पारे को संसार के समस्त राग, द्वेष, विकार का विनाशक माना गया है। समस्त प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए भी पारद शिवलिंग की पूजा की जाती है।


पारा समस्त रोगों की दवा के रूप में भी काम करता है

आयुर्वेद में इसके प्रयोग से कई रोगों उपचार की चर्चा भी की गई है। उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अस्थमा, डायबिटीज जैसी घातक बीमारियों में पारद से बना शिवलिंग बांधना अत्यंत उपयोगी माना गया है।

जिस घर में पारद से बनी कोई भी सामग्री जैसे शिवलिंग, पारद माला, पारद का कोई पात्र आदि मौजूद हो वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं रहती।

पारद के दानों के साथ रूद्राक्ष का संयोग और भी प्रभावी हो जाता है। पारद और रूद्राक्ष के दानों की माला धारण करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।

पद, प्रतिष्ठा, सम्मान प्राप्ति के लिए पारद और रूद्राक्ष की माला धारण करना चाहिए।

                                    OM NARAYAN HARI 


THANK YOU 🙏

VIJAY KRISHNA   
8004905196

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