दान देते समय इन नियमों का करें पालन

💥 दान देते समय इन नियमों का करें पालन 👇

निस्वार्थ भाव से करें दान. दुखी या द्वेश भाव से किया गया दान व्यर्थ चला जाता है. अर्जित कमाई का दसवां हिस्सा करना चाहिए दान. इससे परिवार में बनी रहती है बरकत.

कभी-कभी दान देना भी व्यक्ति के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है, 

अगर उसकी जन्म पत्रिका में दान करने के योग न हों तो। लाल किताब में ऐसे बहुत से योगों का वर्णन है,

 जिनका अगर हम पालन करें तो अनेक संकटों से बच सकते हैं। इसमें यह बताया गया है कि हमें कौन-सी वस्तु दान करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए। 

यदि जन्म कुंडली के साथ वर्ष फल में भी कोई ग्रह विशिष्ट रूप से आ जाए अथवा जो ग्रह व्यक्ति की जन्मकुंडली में उच्च का हो और अपने स्थायी घर में विद्यमान हो तो उस ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान उस व्यक्ति को नहीं करना चाहिए। 

ऐसा दान देना भयंकर हानि का कारण बन सकता है।

यदि जन्म पत्रिका में किसी ग्रह को उच्चत्व प्राप्त है तो उस ग्रह से संबंधित कोई भी वस्तु दान न लें। यदि आपकी जन्म पत्रिका में किसी ग्रह को नीचत्व प्राप्त है तो उस ग्रह से संबंधित कोई भी वस्तु बिना मूल्य के न लें।

सूर्य के उच्च होने पर गुड़ या गेहूं का दान नहीं करना चाहिए। मंगल के उच्च होने पर मीठी वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए। उच्च के बुध वाले व्यक्ति को कलम का दान और घड़े का दान नहीं करना चाहिए। बृहस्पति के उच्च होने पर पीली वस्तु, चने की दाल, सोना और पुस्तक का दान नहीं करना चाहिए। शुक्र के उच्च होने पर परफ्यूम व रैडीमेड कपड़ों का दान नहीं करना चाहिए। शनि के उच्च होने पर अंडा, मांस, तेल व काले उड़द दान नहीं करने चाहिए।

यदि आपकी जन्म पत्रिका में चंद्र चतुर्थ भाव में है तो आपको कभी भी दूध, जल अथवा दवा का मूल्य नहीं लेना चाहिए।

यदि आपकी पत्रिका में गुरु सातवें भाव में हो तो आपको कभी भी कपड़े का दान नहीं करना चाहिए अन्यथा स्वयं वस्त्रहीन हो जाएंगे। अर्थात आप पर इतना अधिक आर्थिक संकट आ जाएगा कि आपके पास स्वयं के पहनने के लिए कपड़े भी नहीं बचेंगे।

यदि आपकी जन्मपत्रिका में शनि आठवें भाव में हो तो कभी भी भोजन, वस्त्र या जूते आदि का दान नहीं करना चाहिए।

यदि सूर्य सातवें या आठवें घर में विद्यमान हो तो जातक को सुबह-शाम दान नहीं करना चाहिए। उसके लिए विष पान के समान साबित होगा।

यदि शनि प्रथम भाव में तथा बृहस्पति पंचम भाव में हो तो ऐसे व्यक्ति द्वारा तांबे का दान करने पर संतान नष्ट हो जाती है।

अष्टम भावस्थ शनि होने पर मकान बनवाना मृत्यु का कारक होगा।

जन्मपत्री में केतु सातवें भाव में हो तो लोहे का दान नहीं करना चाहिए।

जन्मपत्री के चौथे भाव में मंगल बैठा हो तो वस्त्र का दान नहीं करना चाहिए। 

राहू दूसरे भाव में हो तो तेल व चिकनाई वाली चीजों का दान नहीं करना चाहिए। 

सूर्य-चंद्रमा ग्यारहवें भाव में हो तो शराब-कबाब का सेवन न करें, नहीं तो आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी।

सूर्य-बुध की युति ग्यारहवें भाव में हो तो अपने घर में किराएदार नहीं रखना चाहिए।

बुध यदि चौथे भाव में हो तो घर में तोता नहीं पालना चाहिए। यदि पालें तो माता को कष्ट होता है।

जन्मपत्रिका के भाव तीन में केतु हो तो जातक को दक्षिणामुखी घर में नहीं रहना चाहिए।

यदि जन्मपत्रिका के किसी भाव में बुध-शुक्र की युति हो तो गद्दे पर न सोएं।

यदि भाव पांच में गुरु बैठा हो तो धन का दान नहीं करना चाहिए।

एक बार भवन निर्माण शुरू हो जाए तो उसे बीच में न रोकें। अन्यथा अधूरे मकान में राहु का वास हो जाएगा।

सूर्यास्त के बाद इन चीजों को नहीं करना चाहिए दान, घर में आती है दरिद्रता

दूध-दही

शास्त्रों के अनुसार, शाम के समय दही, दूध दान करना अशुभ माना जाता है. दूध व दही सफेद है, जो कि चंद्र ग्रह से संबंधित है. सूर्यास्त के बाद दूध व दही के दान करने से घर से सुख और वैभव चला जाता है. दूध को मां लक्ष्मी से भी जोड़कर देखा जाता है, इसलिए सूर्यास्त के बाद दूध के दान से घर में आर्थिक स्थिति खराब होने लगती है. इससे घर में दरिद्रता आने लगती है.

हल्दी 

दूध व दही के अलावा शाम के बाद हल्दी का दान नहीं करना चाहिए, खासतौर पर गुरुवार के दिन. हल्दी का संबंध गुरु से माना जाता है. हल्दी के दान करने से गुरु कमजोर होता है, जिससे जीवन में परेशानियां आती हैं और घर में अशांति रहती है.

धन

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्यास्त के बाद कभी भी किसी भी व्यक्ति को धन का दान नहीं करना चाहिए, क्योंकि शाम के समय मां लक्ष्मी का आगमन होता है. शाम के समय धन दान करने से मां लक्ष्मी नाराज होकर चली जाती हैं. इसके कारण घर में दरिद्रता आने लगती है और धन संपत्ति की कमी होने लगती है. इसी तरह सूर्यास्त के बाद प्याज और लहसुन भी दान नहीं करना चाहिए. 

चतुर्थी (4) नवमी (9) और चतुर्दशी (14) को नया कार्य आरंभ न करें क्योंकि यह रिक्ता तिथि होती है।

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💥VIJAY KRISHNA 💢

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