मूंगा पहनने से जातक का मंगल मजबूत होता है
मूंगा पहनने से जातक का मंगल मजबूत होता है। यह रत्न राजनीति, नेतृत्व, प्रशासन, सेना, पुलिस, मेडिकल क्षेत्र, तेल, गैस, प्रॉपर्टी, ईंटभट्टे का कार्य करने वाले धारण कर सकते हैं। इस क्षेत्र में उन्हें तरक्की भी मिलती है। ज्योतिष शास्त्र अनुसार मूंगा रत्न का संबंध मंगल ग्रह से है, जो शक्ति, बल, साहस व ऊर्जा के स्वामी हैं।
वैदिक ज्योतिष में आक्रामक ग्रह मंगल के अशुभ प्रभावों को दूर करने और उसकी कृपा पाने के लिए मूंगा को पहना जाता है
मूंगा को धारण करने का सबसे बड़ा लाभ यही है कि ये मंगल ग्रह से जुड़े मांगलिक दोष को दूर करने में मदद करता है। मांगलिक दोष के कारण व्यक्ति के विवाह में दिक्कतें आती हैं और उसका वैवाहिक जीवन भी सुख से वंचित रहता है। मूंगा स्टोन रिश्तों में प्रेम और आपसी समझ को बढ़ाता है। अगर आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है तो आपको भी ज्योतिषाचार्य से कुंडली विश्लेषण करवाने के बाद मूंगा स्टोन पहनना चाहिए।
मूंगा रत्न पहनने चमत्कारी फायदे -
ऐसे लोग जो जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। मूंगा के प्रभाव से उन्हें धैर्य और साहस मिलता है।
मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को मूंगा पहनने से अत्यन्त लाभ होता है।
मूंगा आपके अंदर नेतृत्व क्षमता का विकास करता है और आप जीवन की चुनौतियों से लड़ने में सक्षम बनते हैं।
ऐसा माना जाता है कि यदि गर्भवती महिला मूंगा रत्न पहनती हैं तो गर्भावस्था के शुरुआती 3 महीनों में गर्भपात की संभावना कम हो जाती है।
मेष, वृश्चिक, सिंह, धनु व मीन राशि वाले लोग मूंगा धारण कर सकते है।
सूर्य और मंगल आपस में मित्र है। सूर्य का रत्न माणिक्य है, इसलिए मूंगा के साथ माणिक्य पहना जा सकता है।
मूंगा रत्न पुखराज और मोती के साथ भी पहना जा सकता है।
जीवन में आने वाले मुश्किल हालात का आत्म सम्मान और दृंढ इच्छाशक्ति के साथ सामना करने का बल प्राप्त होता है।
पुलिस, आर्मी, डाक्टर, प्रापर्टी का काम करने वाले, हथियार निर्माण करने वाले, सर्जन, कम्प्यूटर साप्टवेयर व हार्डवेयर इन्जीनियर आदि लोगों को मूंगा पहनने से विशेष लाभ होता है।
उदासी व मानसिक अवसाद पर काबू पाने के लिए मूंगा रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
कुछ ऐसे बच्चे जो कुपोषण से पीड़ित हैं उनके लिए लाल मूंगा रत्न पहनना लाभकारी होता है।
अगर किसी बच्चे को आलस्य बहुत सता रहा है तो उसे मूंगा पहनाने से उसका आलस्य दूर भाग जाता है।
जिनके मॉसपशियों में दिक्कत रहती है, उन्हें मूंगा पहनने से फायदा मिलता है।
यदि किसी व्यक्ति को रक्त से सम्बन्धित कोई दिक्कत है तो उसे मूंगा पहनने से फायदा मिलता है।
शुगर रोगी अगर मूंगा धारण करेंगे तो उनका शुगर कंट्रोल में बना रहेगा।
मिर्गी तथा पीलिया रोगियों के लिए मूंगा पहनना अत्यन्त हितकारी साबित होता है।
मूंगा रत्न खून, अस्थि मज्जा और सिर से संबंधित बीमारियों से रक्षा करता है। कुछ रोग जैसे- पाइल्स, अल्सर यानि फोड़े आदि होने पर मूंगा रत्न पहना जा सकता है।
मूंगा रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए – पांच से छह कैरेट तक का मूंगा स्टोन पहनना चाहिए।
मूंगा किस धातु में पहने/मूंगा रत्न कौन सी उंगली में पहनना चाहिए
मंगल के रत्न मूंगा को सोने या तांबे की धातु में पहनना चाहिए क्योंकि ये दोनों ही मंगल के धातु हैं। मूंगा रत्न की अंगूठी को दाएं हाथ की अनामिका उंगली में पहना जाता है।
💥VIJAY KRISHNA💥
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