नीलम रत्न के चमत्कारी फायदे -

 नीलम रत्न के चमत्कारी फायदे - 

रत्न शास्त्र में बताया गया है कि नीलम रत्न धारण करने से व्यक्ति को आर्थिक व मानसिक रूप से बहुत फायदा मिलता है। व्यक्ति अगर कैरियर या बिजनेस में तरक्की चाहता है तो यह रत्न उसके लिए फायदेमंद होता है। जो लोग डिप्रेशन या मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए भी यह रत्न लाभदायक साबित होता है।

नौ रत्‍नों में नीलम को सबसे शक्‍तिशाली रत्‍न माना जाता है। ये न्‍याय के देवता शनि ग्रह का रत्‍न है। ऐसा माना जाता है कि इस रत्‍न को पहनने से रातोंरात व्‍यक्‍ति रंक से राजा बन सकता है क्‍योंकि नीलम रत्‍न की शक्‍ति ही ऐसी है कि ये गरीब से अमीर बना सकता है।

1. नाम, पैसा और शोहरत कमाने की इच्‍छा रखने वाले व्‍यक्‍ति को यह रत्न अवश्य पन्ना चाहिए।  

2. काले जादू, सम्‍मान में कमी और बुरी नजर से हमेशा बचे रहने के लिए भी इस रत्‍न को पहना जाता है। 

3. शनि देव का यह रत्‍न तुरंत परिणाम देने की शक्‍ति रखता है। धन लाभ, वैभव और करियर एवं जीवन में सफलता पाने के लिए इस स्‍टोन को पहना जा सकता है।

4. सामाजिक, व्‍यावसायिक और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है और मनचाहे परिणाम मिलते हैं।

5. यदि किसी छात्र का मन पढ़ाई में नहीं लगता है या उसका ध्‍यान भटकता रहता है तो उसे भी यह स्‍टोन पहनाया जा सकता है।

6. नीले रंग के इस स्‍टोन को पहनने से जीवन में समृद्धि और शांति आती है। इस रत्‍न को धारण करने से आर्थिक तंगी भी दूर होती है और पिछले जन्‍म के बुरे कर्मों से मुक्‍ति मिलती है।

नीलम किस उंगली में पहनें

किसी भी रत्‍न का लाभ तभी मिलता है जब उसे सही विधि और सही तरह से धारण किया जाए। आप नीलम स्‍टोन को लॉकेट या अंगूठी के रूप में पहन सकते हैं। अगर आप नीलम स्‍टोन की अंगूठी पहन रहे हैं तो इसे अपने दाहिने हाथ की मध्‍यमा उंगली में पहनें।

नीलम किस दिन धारण करना चाहिए 

नीलम स्‍टोन का स्‍वामी ग्रह शनि देव हैं। शास्‍त्रों में प्रत्‍येक रत्‍न का स्‍वामी एक ग्रह को माना गया है और हर ग्रह को सप्‍ताह का एक दिन समर्पित है। न्‍याय के देवता शनि महाराज की पूजा शनिवार के दिन होती है इसलिए इसी दिन शनि देव के नीलम रत्‍न को धारण करना शुभ माना गया है। शनिवार के दिन स्‍नान आदि के पश्‍चात् विधि पूर्वक नीलम स्‍टोन को पहनने से इसका लाभ मिलना शुरू हो जाता है।

कितने रत्ती का नीलम पहनना चाहिए

शनि के रत्‍न नीलम को कम से कम 2 कैरेट का जरूर पहनना चाहिए। अगर आप नीलम रत्‍न से लाभ पाना चाहते हैं तो कम से कम इतने रत्ती का स्‍टोन तो जरूर धारण करें। चूंकि, ये शनि देव का रत्‍न है इसलिए इसे शनिवार के दिन पहनना चाहिए।

अगर आप जानना चाहते हैं कि आपको कितने रत्ती का स्‍टोन पहनना चाहिए तो इसे जानने का सबसे आसान तरीका हम बता रहे हैं। मान लीजिए आपका वजन 65 किलोग्राम है तो अपने वजन के अनुसार आपको 6.5 रत्ती का ब्‍लू सैफायर पहनना चाहिए।

नीलम किस धातु में पहने –

नीलम किस धातु में पहनना चाहिए – नीलम रत्‍न को चांदी या पंचधातु में पहन सकते हैं। इस रत्‍न की अंगूठी को दाएं हाथ की मध्‍यमा अंगुली में पहनना चाहिए।

 

नीलम धारण करने का मंत्र

नीलम रत्‍न को धारण करने से पूर्व 108 बार ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्‍चराय नम:’ या ‘शनि देव के बीज मंत्र – ‘ऊं शं शनैश्‍चराय नम:’ मंत्र का जाप करें। स्‍वामी ग्रह के मंत्र का जाप करने से स्‍टोन की शक्‍तियां बढ़ती हैं और व्‍यक्‍ति को उस स्‍टोन के लाभ जल्‍दी मिलते हैं।

 

नीलम रत्न का उपरत्न – 

अगर कोई व्‍यक्‍ति किसी कारण से नीलम नहीं ले सकता है तो वह इसका उपरत्‍न एमेथिस्‍ट पहन सकता है। इसकी जगह आप नीली, नीला टोपाज, लाजवर्त भी पहन सकते हैं।

 💥VIJAY KRISHNA💥

 

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