ओपल रत्‍न


स्‍त्री और पुरुष की जिंदगी बदल देता है -ओपल रत्‍न


फलित ज्योतिष में जैसा शुक्र का महत्त्व है वैसे ही शुक्र के रत्न ओपल का भी। ज्योतिष में कुंडली के किसी भी कमजोर ग्रह को बल देने और मजबूत करने के लिए व्यक्ति को उस ग्रह का रत्न धारण कराया जाता है। ओपल शुक्र का रत्न है जिस पर शुक्र ग्रह का आधिपत्य है और कुंडली में शुक्र कमजोर होने पर ओपल धारण करने की सलाह दी जाती है।

अगर कुंडली में शुक्र नीच राशि (कन्या) में बैठा हो, केतु के साथ हो, दुःख भाव में हो या किसी भी प्रकार कमजोर हो तो ऐसे में व्यक्ति के जीवन में आर्थिक उन्नति नहीं हो पाती। पैसों को लेकर हमेशा समस्याएं बनी रहती हैं। सुख-सुविधाओं की पूर्ति नहीं हो पाती और जीवन में समृद्धि नहीं आ पाती। ऐसे में शुक्र को बल देने के लिए व्यक्ति को ओपल धारण कराया जाता है।

ओपल धारण के लाभ: ओपल धारण करने पर व्यक्ति का शुक्र मजबूत होने लगता है। इससे व्यक्ति के व्यक्तित्व में आकर्षण बढ़ता है। जीवन में आर्थिक उन्नति बढ़ती है जिससे आर्थिक पक्ष मजबूत बनता है। जीवन में समृद्धि बढ़ती है और महत्वाकांक्षाओं की पूर्ती होती है। पुरुषों के लिए ओपल धारण करना उनके वैवाहिक जीवन के लिए भी बहुत शुभ देता है। उनके जीवन में मधुरता बढ़ती है और वैवाहिक जीवन स्थिर बना रहता है। जिन पुरुषों की कुंडली में शुक्र कमजोर होने से उनका विवाह होने में अड़चने आ रही होती हैं उनके लिए ओपल धारण करना विवाह योग को मजबूत करता है। कुंडली में अगर शुक्र की दशा चल रही हो तो ओपल धारण करने से शुक्र की दशा में अच्छे रिजल्ट्स मिलने लगते हैं।

ओपल ही वह शक्तिशाली रत्न है जो शीघ्र ही दूर करता है पति-पत्नी के बीच की खटास

ओपल रत्न पति-पत्नी के विवादों को पल भर में दूर करने वाला बहुत ही चमत्कारिक रत्न है। शुक्र का सम्बन्ध विवाह से होता है, ओपल शुक्र ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है। हिंदी में ओपल को दूधिया पत्थर के नाम से भी जाना जाता है। ओपल तुला, वृषभ, लग्न वाले जातक या जिसकी कुंडली में शुक्र फलदायी नहीं होता, शुक्र का बल कम होता है, ऐसे जातक के लिए रत्न धारण करना बहुत ही लाभकारी होता है।

ओपल पहनने से पति-पत्नी, प्रेमी-प्रेमिका के बीच यदि खराब सम्बन्ध है, तो जल्दी से जल्दी ओपल धारण करना चाहिए। यह रत्न मान-सम्मान में वृद्धि करता है तथा उलझे हुए दाम्पत्य जीवन तथा प्रेम-संबंधों में मधुरता लाता है।

दाम्पत्य जीवन में स्थिरता लाता है यह रत्न

दाम्पत्य जीवन में या प्रेम संबंधों में यदि अकारण कलह, दरार, अनबन या अलगाव या तलाक की स्थिति उत्पन्न हो रही हो तो उस स्थिति में परेशान शादीशुदा जीवन में स्थिरता लाने के लिए ओपल रत्न धारण किया जाता है, इसे धारण करने से उत्पन्न विवादों को शीघ्र ही दूर किया जा सकता है।

स्वास्थ्यवर्धक

ओपल आँखों से सम्बंधित रोग, मानसिक तनाव, उदासीनता, आलस्य, लाल रक्त कणिकाओं से सम्बन्धित रोगों से राहत दिलाता है। यौन शक्ति को विकसित करता है, क्योंकि यह शुक्र ग्रह का कारक है और शुक्र वीर्य का कारक है। यह शारीरिक तंदरुस्ती भी प्रदान करता है। यह रत्न आपके शरीर के हार्मोनल स्राव के संतुलन को बनाएं रखने में मदद करता है। गुर्दे की बीमारी को भी यह रत्न ठीक करता है।

आकर्षण शक्ति में वृद्धि

इस रत्न के प्रभाव से आकर्षण शक्ति का विकास होता है तथा सौन्दर्य शक्ति में भी वृद्धि होती है। अधिकतर मामलों में यह रत्न बहुत कारगर सिद्ध हुआ है।

कलात्मक क्षेत्रों में लाभकारक

संगीत, चित्रकला, नृत्य, अभिनेता, अभिनेत्री, टीवी, फिल्म, थिएटर, कम्पूटर, आईटी से सम्बंधित काम करने वाले लोगों के लिए यह रत्न धारण करना बहुत ही लाभप्रद होता है।

इन व्यापारियों के लिए फायदेमंद

ओपल रत्न उन लोगों को जो कपडे, फैशन, गहने, कलाकृतियों, महंगे, वस्त्र, कारें, आदि के सौदेबाजी से जुड़े रहते है या वो लोग जो आयात-निर्यात का व्यापार करते है, उन्हें ओपल धारण करने से लाभ होता है।

ओपल पहनने की विधि

दिन- शुक्रवार

होरा- शुक्र

पक्ष- शुक्ल

नक्षत्र -भरणी, पूर्व फाल्गुन, पूर्व अषाढ़ा

ओपल रत्न शुक्रवार के दिन या शुक्र की होरा में धारण किया जाता है। ओपल सीधे हाथ की तर्जनी अंगुली में धारण करते है। इस रत्न को धारण करते समय शुक्र देव को याद करते हुए 108 बार मंत्र – ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः का जाप करना चाहिए, उसके बाद विधिवत संकल्पपूर्वक धूप, दीप मिष्टान्न से पूजा अर्चना करके अंगूठी को पहनना चाहिए।

 NARAYAN HARI 

💥 VIJAY KRISHNA 🙏


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