SHANI DOSH NIVARAN KE BEST UPAY
सौरमंडल में सूर्य और बृहस्पति के बाद शनि का नंबर आता है। जिस तरह सूर्य उदय और अस्त होता है, उसी तरह शनि भी उदय और अस्त होता है। जब भी शनि उदय होता है तो धरती पर उसका गहरा असर होता है। मनुष्य को उसके पाप और बुरे कार्यों आदि का दंड प्रदान करते हैं। कहते हैं कि शनिदेव के कारण ही राम को वनवास जाना पड़ा, रावण को राम के हाथों मरना पड़ा, पांडवों को राज्य से भटकना पड़ा, विक्रमादित्य को कष्ट झेलना पड़ा, राजा हरीशचंद्र को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं और राजा नल और उनकी रानी दमयंती को जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ा था।
कुछ सरल उपाय शनि को करेंगे प्रसन्न-
शनिदेव के प्रकोप को शांत करने के लिए यह मंत्र काफी प्रभावी है।
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।
अगर शादी शुदा जिंदगी में अनबन हो या जीवनसाथी की सेहत ठीक न हो तो शनिवार के दिन बरगद के पेड़ की जड़ में दूध डाल दें। जड़ में दूध डालने से गीली हुई मिट्टी से तिलक लगाकार घर लौट आएं। सेहत संबंधी परेशानियों से निजात मिलेगी और साथी को आराम मिलेगा।
तनाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन गुड़ और नारियल के तेल में कपूर मिलाकर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। इस टोटके से आपको जरूर आराम मिलेगा। आप मन में शांति को महसूस करेंगे।
मुकदमे को जीतने के लिए 11 शनिवार तक पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनिवार को दीपक जलाते समय 11 बार 'ऊं शनै शनिश्चरै नमः' मंत्र का जाप करें। इस उपाय से आपको अवश्य लाभ मिलेगा और कानूनी मामलों में सफलता मिलेगी।
शनिवार के दिन नीले कपड़े पहनकर हनुमान मंदिर जरुर जाएं। इससे आपके ऊपर शनि प्रकोप कम होगा। शनिवार को हनुमान मंदिर जाकर हनुमान जी को पान का प्रसाद चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शनिवार को हनुमान मंदिर जाकर हनुमान जी को पान का प्रसाद चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अटके काम बन जाते हैं। शनिवार को स्नान करने के बाद एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर बाद में किसी को ये तेल दान कर दें। इससे आपका आने वाला पूरा महीना शांति से बीतेगा।
शमी का वृक्ष घर में लगाएं और नियमित रूप से उसकी पूजा करें। इससे न सिर्फ आपके घर का वास्तुदोष दूर होगा बल्कि शनिदेव की कृपा भी बनी रहेगी।
शनिवार के दिन शनि महाराज को नीले रंग का अपराजिता फूल चढ़ाएं और काले रंग की बाती और तिल के तेल से दीप जलाएं। साथ ही शनिवार के दिन शनि स्तोत्र पढ़ें।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए अपने माता-पिता का सम्मान और उनकी सेवा करें।
यदि आप पर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है आप खुद को तमाम परेशानियों से घिरा पा रहे हैं तो शमी के वृक्ष की जड़ को काले कपड़े में पिरोकर शनिवार की शाम दाहिने हाथ में बांधे तथा ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: मंत्र का तीन माला जप करें।
कुंडली में शनि से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ मीठा प्रसाद चढ़ाएं।
शनि की नजर ग्रहों का असर-
आप एक बात समझ गए होंगे कि शनिदेव सिर्फ बुरा नहीं करते बल्कि वो बुरे लोगों के साथ बुरे और अच्छे लोगों के साथ अच्छे हैं. ज्योतिष के जानकारों का ये मानना है कि शनि की टेढ़ी नजर ग्रहों के अनुसार अलग-अलग दुष्परिणाम देती है.
- सूर्य पर दृष्टि हो तो व्यक्ति का दांपत्य जीवन खराब होता है.
- इससे पिता पुत्र में सम्बन्ध अच्छे नहीं होते हैं.
- अगर चन्द्रमा पर हो तो तीव्र वैराग्य पैदा होता है.
- इससे व्यक्ति सन्यासी या मानसिक रोगी होता है.
- अगर शनि की नजर मंगल पर हो तो विस्फोट जैसी स्थिति आती है.
- इसके प्रभाव से प्रचंड दुर्घटना के योग बनते हैं.
- बुध पर दृष्टि हो तो व्यक्ति धूर्त, चालाक होता है.
- लेकिन इससे त्वचा की समस्या हो जाती है.
- बृहस्पति पर दृष्टि हो तो व्यक्ति पेट का रोगी होता है.
- इससे ज्ञानी और अहंकारी भी होता है.
- शुक्र पर दृष्टि हो तो चरित्र दोष हो जाता है.
- राहु या केतु पर दृष्टि हो तो व्यक्ति नशे का शिकार होता है.
शनि की दृष्टि होगी लाभकारी-
-जब शनि अपनी राशि या उच्च राशि को देखता हो.
- जब शनि मेष, कर्क या सिंह राशि में हो.
- जब शनि पर बृहस्पति की दृष्टि हो.
- जब शनि कुम्भ राशि में हो.
- जब शनि की दृष्टि लाभकारी हो तो व्यक्ति को धन बनाता है.
- साथ ही व्यक्ति घर से दूर जाकर सफल होता है.
ज्योतिष के जानकारों का ये मानना है कि शनि की कृपा पाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
आइए जानें, शनि की कृपा कब और कैसे मिलती है...
जीवन में ईमानदार बनें, सत्य बोलें और बड़े बुजुर्गों को सम्मान दें.
तुलसी के पौधे में और पीपल में जल डालें.
शनिवार सायंकाल सरसों के तेल का दीपक चौराहे या पीपल के नीचे जलाएं.
कभी भी हरे पेड़ ना काटें, गर्भपात ना करवायें.
जब व्यक्ति भगवान शिव की या कृष्ण की नियम पूर्वक उपासना करता है.
शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं और मीठी रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने को दें।
यदि शनि की अशुभ दशा चल रही हो तो मांस-मदिरा का सेवन न करें।
शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें।
प्रतिदिन पूजा करते समय महामृत्युंजय मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
जब व्यक्ति कमजोर और निर्बल लोगों की खूब सेवा करता है.
जब व्यक्ति फलदार और लम्बी अवधि तक रहने वाले पेड़ लगाता है.
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लाल किताब के अनुसार शनि के शुभ, अशुभ की निशानी और उससे बुरे प्रभाव से बचने के अचूक उपाय।
अशुभ की निशानी :-
कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है।
अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं।
अचानक घर या दुकान में आग लग सकती है।
धन, संपत्ति का किसी भी तरह से नाश होता है।
समय पूर्व दांत और आंख की कमजोरी।
यदि शनि बहुत ज्यादा खराब है तो---
व्यक्ति पराई स्त्री से संबंध रखकर बर्बाद हो जाता है।
व्यक्ति जुआ, सट्टा आदि खेलकर बर्बाद हो जाता है।
व्यक्ति किसी भी मुकदमे में जेल जा सकता है।
व्यक्ति की मानसिक स्थिति बिगड़ सकती है। वह पागल भी हो सकता है।
व्यक्ति अत्यधिक शराब पीने का आदी होकर मौत के करीब पहुंच जाता है।
व्यक्ति किसी भी गंभीर रोग का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती हो सकता है।
भयानक दुर्घटना में व्यक्ति अपंग हो सकता है या मर भी सकता है।
नोट :- उपरोक्त स्थिति निर्भर करती है शनि ग्रह की कुंडली में स्थिति और व्यक्ति के कर्मों अनुसार।
शुभ की निशानी :-
शनि की स्थिति यदि शुभ है तो व्यक्ति हर क्षेत्र में प्रगति करता है।
शनि के शुभ होने पर व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता।
बाल और नाखून मजबूत होते हैं।
ऐसा व्यक्ति न्यायप्रिय होता है और समाज में मान-सम्मान खूब रहता है।
मकान और दलाली के कार्यों में सफलता मिलती है।
व्यक्ति भूमि का मालिक होता है और धन संपन्न रहता है।
यदि व्यक्ति लोहे से संबंधित कोई कार्य कर रहा है तो उसमें उसे अपार धन मिलता है।
शनि के उपाय लाल किताब के अनुसार :-
सर्वप्रथम शनि ग्रह के स्वामी भगवान भैरव से माफी मांगते हुए उनकी उपासना करें।
हनुमान ही शनि के दंश से बचा सकते हैं तो प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें।
शनि की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कर सकते हैं।
तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ और जूता दान देना चाहिए।
कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलाएं।
छायादान करें अर्थात कटोरी में थोड़ा-सा सरसों का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में अपने पापों की क्षमा मांगते हुए रख आएं।
दांत, नाक और कान सदा साफ रखें।
अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें।
कभी भी अहंकार, घमंड न करें, विनम्र बने रहें।
किसी भी देवी, देवता, गुरु आदि का अपमान न करें।
शराब पीना, जुआ खेलना, ब्याज का धंधा तुरंत बंद कर दें।
पराई स्त्री से कभी संबंध न रखें।
शनि की सावधानी :-
यदि शनि कुंडली के प्रथम भाव यानी लग्न में हो तो भिखारी को तांबा या तांबे का सिक्का कभी दान न करें अन्यथा पुत्र को कष्ट होगा।
यदि शनि आयु भाव में स्थित हो तो धर्मशाला का निर्माण न कराएं।
अष्टम भाव में हो तो मकान न बनाएं, न खरीदें।
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🙏 VIJAY KRISHNA (8004905196)
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